सरस्वती के सच्चे उपासक हैं बरही के रवि केसरी

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हजारीबाग के बरही के रवि केशरी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं ,मां सरस्वती की इनपर विशेष कृपा रही है | एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने के बाद अपनी शिक्षा बरही में ही शुरू की, शुरुवात में प्राइवेट स्कूल में कक्षा 3 तक पढ़ाई की लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नही रहने के कारण बरही के सरकारी विद्यालय में ही नामांकन करवा कर बाकी की पढ़ाई पूरी की । उच्च विद्यालय से कक्षा 10 तक और बाकी की पढ़ाई बरही रामनारायण यादव मेमोरियल कॉलेज से पूरा किया। बचपन से ही चित्रकारी और गीत संगीत के शौकीन रहे रवि ने 9 साल की उम्र में सरस्वती पूजा के अवसर पर माँ सरस्वती की मूर्ति बना कर लोगों को चकित किया । पढ़ाई से समय निकाल कर घर पर ही पेंटिंग बनाना सीखा साथ मे अपने बहन एवम भाइयों को भी शिक्षित करने का संकल्प लिया । चित्रकला सम्बंधित प्रतियोगिताओं में इन्हें 100 से भी ज्यादा अवार्ड मिल चुके है।एचबी लाइव से बातचीत में उन्होंने कहा आज मैं बरही में पिछले 4 सालों से बरही एवम आसपास के प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से प्रत्येक साल चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे है जिसमे लगभग 500 से भी ज्यादा लोग भाग ले कर अपनी कला का उत्कृष्ठ प्रदर्शन कर रहे है। । बचपन से अब तक लगभग 1000 से भी ज्यादा पेंटिंग बना चुका हूं। शुरू से ही अखबारों के माध्यम से सुर्खियों में रहा। बचपन से कला के क्षेत्र में रुचि रहने के कारण आज कला से सम्बंधित व्यापार कर रहा हूं। अपने व्यवसाय से समय निकाल कर पेंटिंग और सिंगिंग करता हूँ।