नौ महीने से बनकर तैयार अस्पताल का अब तक उद्घाटन नहीं लटका है ताला

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चौपारण : प्रखण्ड के महराजंगज के चक्रसार में 36 बर्षो से संचालित स्वास्थ्य उपकेंद्र जर्जर होने के बाद नए भवन में शिफ्ट होना है। नया भवन बीते 9 माह पूर्व से बनकर तैयार है। पर भवन निर्माण के 9 माह बीत जाने के बाद भी सिर्फ उद्घाटन नहीं होने के वजह से नए भवन में ताला लटका हुआ। विभाग भी उद्घाटन को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। जिस वजह से गर्भवति महिलाओ की डिलीवरी हो या फिर रूटीन चेकअप सभी एक निजी रूम में ही एएनएम करने को मजबूर हैं। जहां आवश्यक सुविधाओं का भी अभाव है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ठीकेदार द्वारा चाभी भी एएनएम को सौंप दिया गया है। पर सिर्फ माननीय से उद्घाटन नहीं करने के वजह से अस्पताल के नए भवन में नौ महीने से ताला लटका हुआ है। आखिर नौ महीने से सिर्फ उद्घाटन के वजह से अस्पताल में ताला लटकना कहीं न कहीं विभागीय निष्क्रियता को दर्शाता है। इससे यही पता चलता है कि विभाग को महिलाओं के दर्द की परवाह ही नहीं है। क्या कहते है मुखिया चयकला पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ने बताया की स्वास्थ्य उपकेंद्र का नया भवन जिला परिषद द्वारा बनाया गया है।मुखिया प्रतिनिधि व विधायक प्रतिनिधि हेलाल अख्तर ने कहा मै भी अस्पताल को नए भवन में जल्द शिफ्ट करवाने को लेकर प्रयासरत हैं ताकि क्षेत्र के महिलाओं को रूटीन चेकअप सहित अन्य में सहूलियत हो सके। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही नए भवन में स्वास्थ्य उपकेंद्र को शिफ्ट किया जाएगा। महीने में यहां होती है 70 से 80 से डिलेवरीः बतादें कि स्वास्थ्य उपकेंद्र चयकला में प्रखण्ड के अलावे दूसरे प्रखंडो से भी महीने में लगभग 70 से 80 गर्भवती महिलाएं डिलेवरी करवाने लिए पहुंचते हैं। पर पुराने भवन के जर्जर और नए भवन के निर्माण के कारण अस्पताल को एक रूम में शिफ्ट कर दिया गया है। जिसके चलते महिलाओं को प्रसव सहित अन्य रूटीन चेकअप के लिए बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इलाज के लिए आ रहे गांव की महिलाओं को शौचालय, पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं से भी जूझना पड़ रहा है। अस्पताल में कार्यरत एएनएम अरुणा सिन्हा ने बताया कि अस्पताल का नया भवन बनकर बीते नौ महीनों से तैयार है। पर अब तक अस्पताल का उद्घाटन नहीं होने से मेन गेट में ताला लगा लटका हुआ है। जिससे हमें भी स्वास्थ्य जांच वगैरह में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्लेसेंटा किट के निदान के लिए नहीं है डिस्पोजल की ब्यवस्थाः वहीं उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र के नए भवन निर्माण के दौरान जो कचड़ा प्रबंधन की व्यवस्था थी उसे हटा दिया गया है। जिसके कारण डिलेवरी के उपरांत जो प्लेसेंटा किट सहित अन्य अपशिष्ट सामग्रियों का निदान में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एएनएम अरुणा सिन्हा ने कहा कि गांव की महिला को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना हमारा दायित्व है पर यह तभी सम्भव हो पायेगा जब उपस्वास्थ्य केंद्र अतिशीघ्र नए भवन में शिफ्ट होगा। और केंद्र में प्लेसेंटा किट निदान के लिए कचड़ा डिस्पोजल सहित अन्य मूलभूत व्यवस्था हो।