8 जून से 17 जून तक चलने वाले साइबर सेफ्टी एंड नेशनल सिक्योरिटी प्रोग्राम के तहत जागरुकता रथ रवाना

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हज़ारीबाग :- आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 8 जून से 17 जून तक चलने वाले साइबर सेफ्टी एंड नेशनल सिक्योरिटी प्रोग्राम के तहत आज बुधवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त नैंसी सहाय, पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे, प्रशिक्षु आईपीएस ऋषभ गर्ग, सदर अनुमंडल पदाधिकारी विद्याभूषण कुमार एवं डीएसपी आरिफ इकराम की संयुक्त मौजूदगी में साइबर सुरक्षा संबंधी जागरूकता पुस्तिका का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मौजूद मीडिया,पुलिस के अधिकारी एवं आम नागरिक को साइबर क्राइम से जुड़े विभिन्न जानकारियों को साझा किया गया। मौके पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आमजनों को साइबर क्राइम से जुड़े मामले पर सुरक्षात्मक कदम उठाने एवं जागरूकता फैलाने के उद्देश्य यह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज झील परिसर से एक जागरूकता रथ को भी रवाना किया साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन मसलन नुक्कड़ नाटक, एक दिवसीय कार्यशाला, प्रेस वार्ता कर बढ़ते साइबर क्राइम के सुरक्षात्मक उपाय एवं बचाव से संबंधित अनेकों कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर उपायुक्त ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर सिक्योरिटी जागरूकता एक महत्वपूर्ण विषय है इसलिए सभी डिजिटल माध्यमों का प्रयोग करते समय सतर्कता बरतना आवश्यक है। डिजिटल युग में चीजें आसान हुई हैं लेकिन जानकारी के अभाव में खतरे भी बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा की साइबर क्राइम से जुड़े ज्यादा मामले घरेलू महिलाएं व बच्चों में देखे जाते है अपराधी प्रवृत्ति के लोग इन्हें टारगेट करते हैं। इसीलिए किसी भी परिस्थिति में पर्सनल डिटेल फोन के माध्यम से साझा ना करें साथ ही दूसरों को भी इस ओर प्रेरित करें। इस कार्यक्रम में डीएसपी आरिफ इकराम में साइबर क्राइम से जुड़े मामलों,उनके सुरक्षात्मक उपाय एवं जानकारियों एवं उनके विभिन्न अवयवों को विस्तारपूर्वक समझाया। साइबर क्राइम के प्रकार ====================== *1. Hacking*: इस प्रकार के साइबर क्राइम में हैकर प्रतिबंधित क्षेत्र में घुस कर किसी दुसरे इंसान के पर्सनल डाटा और संवेदनशील इनफार्मेशन को खंगालते हैं बिना उस इंसान के अनुमति के, प्रतिबंधित क्षेत्र किसी का पर्सनल कंप्यूटर(PC), मोबाइल या कोई ऑनलाइन बैंक अकाउंट (Net Banking) हो सकता है. *2.साइबर थेफ्ट*: इस प्रकार के साइबर क्राइम में हैकर किसी कॉपीराइट कानून का उल्लंघन करता है, यह साइबर अपराध का एक हिस्सा है जिसका अर्थ है कि कंप्यूटर या इंटरनेट के माध्यम से की गई चोरी. इसके अंतर्गत पहचान की चोरी, पासवर्ड की चोरी, सूचना की चोरी, इंटरनेट समय की चोरी आदि शामिल हैं. *3. साइबरस्टॉलकिंग*: यह साइबर क्राइम सोशल मीडिया साइट्स में ज्यादा देखने को मिलता है. इसमें स्टॉलकर किसी इंसान को बार-बार गंदे मेसेज या ईमेल कर के उसे परेशान और उत्पीड़ित करते हैं. इसमें स्टॉलकर अक्सर छोटे बच्चो और ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाते हैं जिन्हें इन्टरनेट की ज्यादा जानकारी नहीं होती है. इसके बाद इंस्टॉलकर उस इंसान को ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं इससे इंसान की ज़िन्दगी काफी तकलीफदायक हो जाती है. *4. आईडेंटिटी थेफ्ट*: इस प्रकार का साइबर क्राइम आजकल काफी ज्यादा देखने को मिलता है. इसमें हैकर उन लोगों को टारगेट करते हैं जो ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन और बैंकिंग सर्विस जैसे गूगल-पे,फोन-पे पेटीएम का इस्तेमाल करते हैं। हैकर्स किसी इंसान का पर्सनल डाटा जैसे अकाउंट नंबर, डेबिट कार्ड डिटेल, इन्टरनेट बैंकिंग डिटेल्स आदि जानकारी किसी तरह से हासिल कर के उसका सारा पैसा निकाल लेते हैं जिससे उस इंसान को काफी ज्यादा आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. *5. मालीशियस सॉफ्टवेयर*: ऐसे बहुत सारे खतरनाक सॉफ्टवेर हैकर द्वारा बनाए जाते हैं तो किसी भी इन्टरनेट से कनेक्ट कंप्यूटर या मोबाइल के डेटा को न सिर्फ चुरा सकते हैं बल्कि उसे डिलीट भी कर सकते हैं, साथ ही इन सॉफ्टवेर की मदद से हैकर आपके पूरे सिस्टम को क्रैश कर सकते हैं। ये सॉफ्टवेयर कई प्रकार के होते हैं जैसे मालवेयर स्पाइवेयर वायरस रोमव्हेयर तथा हैकर्स इस प्रकार के सॉफ्टवेर को ज्यादातर किसी लिंक, पॉप अप मेसेज या ईमेल के माध्यम से दुसरे कंप्यूटर में भेजते हैं और लुभावने तरीको से लिंक को टच करने को बोलते हैं अगर वह इंसान लिंक पर टच करता है तो कंप्यूटर का पूरा कंट्रोल है कर के हाथों में चला जाता है।