कुकिंग प्रतियोगिता में पुरूषों ने मारी बाज़ी

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आईसेक्ट विश्वविद्यालय की अनोखी पहल हजारीबाग। आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग सभागार में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों के बीच कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन बीते बूधवार को किया गया। सभी प्रतिभागियों की ओर से बनाए गए विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की खुशबू से विश्वविद्यालय सभागार महक उठा। इस दिलचस्प और ज़ायकेदार प्रतियोगिता में मशहूर कुकिंग यूट्यूबर खुश्बू अग्रवाल, पद्मश्री ब्लू इमाम की बहू व कुकिंग की बेहतरीन समझ रखने वाली शफक़त मिर्ज़ा इमाम व मास्टर शेफ भोपाल की हिस्सा रहीं ममता शर्मा बतौर जज कार्यक्रम में शरीक रहे। बता दें कि कुकिंग प्रतियोगिता में आए खाना विशेषज्ञों ने हिस्सा लिए सभी 22 प्रतिभागियों के द्वारा बनाए गए अलग अलग व्यंजनों को उनके स्वाद, ज़ायके और प्रस्तुतिकरण के आधार पर मापने के बाद प्रबंधन विभाग के एचओडी रितेश कुमार को विजेता घोषित किया। वहीं दूसरे स्थान पर अकाउंटेंट प्रमुख सौरभ सरकार व तीसरे पायदान पर सह प्राध्यापक सुरेश महतो के व्यंजन को रखा गया। प्रथम तीन स्थानों पर रहे प्रतिभागियों को जजों, विश्वविद्यालय के कुलपति व कुलसचिव के हाथों विशेष पुरस्कार से नवाज़ा गया। बाद में हौसला अफजाई के लिए सभी प्रतिभागियों को भी जजों के साथ साथ डीन एकेडमिक डॉ विनोद कुमार व डीन एडमिन डॉ एसआर रथ के हाथों संतावना पुरस्कार प्रदान किया गया। मौके पर मौजूद विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि ज़ायकेदार व्यंजन की खुश्बू की महक घरों तक ही सीमित ना रहे बल्कि इसे विस्तार दिया जाए, इसी उद्देश्य से कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में हजारीबाग शहर में बड़े पैमाने पर विश्वविद्यालय के बैनर तले कुकिंग प्रतियोगिता कराए जाने की योजना है ताकि हजारीबाग की प्रतिभाओं को पंख दिया जा सके। वहीं कुलपति डॉ पीके नायक ने भी इस तरह के प्रतियोगिताओं के ज़रिए प्रतिभाओं को विस्तार देने की बात कही। बतौर जज कार्यक्रम में शामिल शफक़त मिर्ज़ा इमाम ने आईसेक्ट विश्वविद्यालय की ओर से की गई कुकिंग प्रतियोगिता की पहल को काफी सराहा और कहा कि ऐसी पहल आज के समय में आवश्यक भी है। वहीं दूसरी जज खुश्बू अग्रवाल ने ऐसी पहल से समाज में सकारात्मक संदेश के साथ साथ प्रतिभाओं को ऊंची उड़ान के लिए अहम बताया। जबकि अगली जज ममता शर्मा ने आईसेक्ट विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि कुकिंग प्रतियोगिता में पहले तीन स्थानों पर रहे प्रतिभागियों ने यह साबित कर दिया कि कुकिंग अब ना तो घरों तक और ना ही महिलाओं तक सीमित है। केवल आवश्यकता है उन सीमाओं को बड़ा किया जाए और प्रतिभाओं की पहचान स्थापित करने में मदद की जाए, जो आईसेक्ट विश्वविद्यालय की ओर से बखुबी किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के कुकिंग समिति के माध्वी मेहता, डॉ श्वेता सिंह, डॉ पूनम चंद्रा व मनीषा कुमारी के साथ साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एकेडमिक डॉ विनोद कुमार, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ समेत विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों का अहम योगदान रहा।