हजारीबाग में पहली बार फ़्री फाइब्रोस्कैन टेस्ट कैंप

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*लीवर सिरोसिस की जांच कराने पंहुचे 48 लोग,अधिकतर लोगों की लीवर में पाई गई समस्या* *इस प्रकार का कैंप स्वास्थ्य जागरूकता के लिए है बेहद लाभकारी - हर्ष अजमेरा* _______ हजारीबाग के इतिहास में पहली बार फ़्री फाइब्रोस्कैन टेस्ट कैंप का आयोजन मंगलवार को शहर के प्रख्यात निजी अस्पताल आरोग्यम मल्टीस्पेशेलिटी हॉस्पिटल में एबॉट कंपनी के सहयोग से किया गया। फाइब्रोस्कैन टेस्ट कैंप में कुल 48 लोगों ने अपने लीवर की जांच कराई। जांच कराए गए अधिकतर लोगों में लीवर संबंधी समस्याएं पाई गई। जिसमें सभी मरीजों को हॉस्पिटल के लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. बी.एन.प्रसाद ने इलाज हेतु उचित मार्गदर्शन दिया और खान - पान एवं रहन - सहन के तौर - तरीकों के बाबत परामर्श दी। कैंप की उपयोगिता के बाबत हॉस्पिटल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने बताया कि लीवर की बीमारियों के इलाज में फाइब्रोस्कैन बड़ी उम्मीद बनकर उभरी है। इससे लीवर सिरोसिस की जांच महज 10 मिनट में संभव हो जाती है। फाइब्रोस्कैन अल्ट्रासाउंड की तर्ज पर होने वाली जांच है। जिसमें लिवर में सिकुड़न की स्थिति को बिल्कुल साफ कर देती है। हर्ष अजमेरा ने कहा की इस प्रकार का कैंप स्वास्थ्य जागरूकता के लिए है बेहद लाभकारी है। आरोग्यम हॉस्पिटल के उपाधीक्षक सह लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ.बी.एन.प्रसाद ने बताया कि वर्तमान दौर में अत्यधिक शराब सेवन, वसायुक्त खानपान, वायरल संक्रमण, मोटापा व शुगर, हेपेटाइटिस बी एवं सी के मरीजों में लिवर सिरोसिस का खतरा ज्यादा होने लगा है। इसके लिए अमूमन लोग अल्ट्रासाउंड कराते हैं जिसमें फेट्टी लीवर ग्रेड - 1,2,3 आता है। ऐसे में फाइब्रोस्कैन लिवर स्पेसिफिक जांच के लिए उन्नत तकनीक है। समय रहते लीवर की स्थिति जानने और उसे बेहतर रखने के लिए यह फाइब्रोस्कैन टेस्ट कैंप रामवाण साबित हुआ और लोगों को मेजर समस्या होने से पहले ही अपने लीवर की स्थिति की जानकारी मिल गई। अपने दिनचर्या, खानपान और रहन- सहन को परिवर्तित कर और चिकित्सीय सलाह एवं दवाई लेकर स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। कैंप को सफल बनाने में हॉस्पिटल की एडमिस्ट्रेटर जया सिंह, रवि सिंह सहित अन्य लोगों का सराहनीय योगदान रहा।