तीर्थ स्थल के रूप में तब्दील हुआ आरोग्यम हॉस्पिटल परिसर, जुटे सैकड़ों श्रद्धालु

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शंका समाधान के जनक मुनिश्री प्रमाणसागर जी महाराज ने आरोग्यम हॉस्पिटल परिसर में दर्जनों लोगों के शंका का किया समाधान मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा जरूरत के लिए कमाओ या जरूरतमंदों के लिए कमाओ, कमाने का कोई तीसरा उद्देश्य जीवन में नहीं होना चाहिए _______ आचार्य गुरुदेव 108 विद्यासागर जी महाराज के शिष्य शंका समाधान के प्रवर्तक और गुणातयन के प्रणेता मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज का शुक्रवार की शाम को जिला परिषद चौक पर आरोग्यम हॉस्पिटल परिवार ने भव्य अभिनन्दन किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक आरोग्यम हॉस्पिटल परिसर में मुनिश्री प्रमाणसागर जी महाराज ने अपने बहुचर्चित कार्यक्रम शंका समाधान आयोजित किया। जिसमें सबसे पहले आरोग्यम हॉस्पिटल परिवार की ओर से एडमिस्ट्रेटर जया सिंह ने पूरे हॉस्पिटल परिवार की ओर से महाराज जी के कमल चरणों में नमन वंदन किया और उन्हें बताया कि आपके आशीर्वाद से हम आरोग्यम परिवार स्वस्थ सेवा के क्षेत्र में 24 घंटे हर आपातकालीन सेवा के साथ नित दिन नई नई शाखाएं और सेवाएं सुचारू कर रही है। जया सिंह ने कहा कि महाराजश्री अगर आपका आशीर्वाद इसी प्रकार बना रहे तो हम हजारीबाग में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जरूर मिसाल कायम करेंगे। मुनिश्री प्रमाणसागर जी महाराज ने जवाब देते हुए कहा कि 2014 का समय था जब सुनील ने मुझसे मिलकर मार्गदर्शन चाहा और बताया कि ऐसा भाव उत्पन्न हो रहा है कि हजारीबाग में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए एक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण हो जिससे लोगों की सेवा होगी और मेरा पुत्र सही रास्ते पर रहेगा। मैंने आशीर्वाद दिया और महज 5 वर्षों में ही आरोग्यम हॉस्पिटल में अपनी सेवा कार्यों से जो पहचान बनाई है, वह प्रशंसनीय है। प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में चिकित्सा आज एक बड़ी आवश्यकता बन गई है, ऐसे में चिकित्सा के साथ मानवीयता भी जुड़ी रहनी चाहिए। महाराज जी ने कोरोना काल के परेशानी भरे दौर को याद करते हुए कहा कि ऐसे विकट काल में आरोग्यम हॉस्पिटल ने लोगों की सेवा तो की लेकिन जैन समाज के वैसे लोग जिन्हें खाने पीने के विशेष नियम का पालन करना होता है। ऐसे जैनियों की सेवा में उनके नियम को स्थिर रखते हुए आरोग्यम हॉस्पिटल परिवार ने जो मिसाल पेश की वह चिकित्सा के क्षेत्र में अनोखा उदाहरण है। इस संबंध में मुझे गया, औरंगाबाद, तिलैया के लोगों ने बताया कि यहां हमारे लिए अलग किचेन और वर्तन के साथ पूजा- पाठ की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। महाराज श्री ने आरोग्यम हॉस्पिटल परिवार के सभी चिकित्सकों, पारामेडिकल स्टाफों और प्रबंधन के लोगों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आपकी जो पहचान बनी है वह सदा आगे बढ़ते रहे । शंका समाधान कार्यक्रम में पहला सवाल हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल ने पूछते हुए कहा कि महाराजश्री आपका हजारीबाग की पावन धरती में स्वागत, अभिनंदन है। मेरा प्रश्न हर किसी के जीवन से जुड़ा है। जीवन यापन का साधन व्यापार या नौकरी और परिवार के बीच कैसे समन्वय स्थापित किया जाए? हजारीबाग की सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए आप आशीर्वाद दें। मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने जवाब देते हुए कहा कि मनीष भाई आपका प्रश्न बहुत ही व्यवहारिक है। व्यक्ति जीवन और जीविका की भेदरेखा को हमेशा ध्यान में रखें। मतलब जीवन के लिए जीविका है, जीविका के लिए जीवन नहीं ये समझ अपने मन में जगा के रखे। जीवन- यापन के लिए व्यापार है, व्यापार के लिए जीवन बिता देना समझदारी नहीं है। मैं अक्सर कहता हूं जरूरत के लिए कमाओ या जरूरतमंदों के लिए कमाओ, कमाने का कोई तीसरा उद्देश्य जीवन में नहीं होना चाहिए। धन- पैसा जीवन के निर्वाह का साधन है साध्य नहीं। व्यापार या नौकरी में जितनी ताकत है उतनी लगा दो लेकिन ध्यान रखो जब मन की शांति खंडित होने लगे तो व्यापार में रोक लगाओ, जब शरीर का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगे तो व्यापार में रोक लगाओ, जब परिवार का प्रेम खंडित होने लगे तो व्यापार में नियंत्रण करो और जब धर्म समाज के लिए समय खो जाए तो व्यापार बंद कर देना चाहिए। आपने हजारीबाग शहर की सुख शांति की कामना की बात की, मैं तो सारे संसार की शांति की कामना करता हूं। हर सुबह सबसे पहले मेरे मन से यह उद्गार निकलता है कि मंगल- मंगल होय जगत में सब मंगलमय होय, धरती के हर प्राणी का मन मंगलमय होय। मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने आगे कहा कि हजारीबाग शहर अपने आप में मिसाल है, यहां की आबोहवा बहुत ही उत्तम है ।मैं यहां के लोगों से यही अपेक्षा रखूंगा की आबोहवा को बरकरार रखें। हजारीबाग शहर में सहजीवन वृति की परंपरा है। शहर के लोग शहर की तरह नहीं एक परिवार की तरह रहने की भावना रखते हैं। ये भावना हमेशा बरकरार रहे तो शहर की गरिमा और बढ़ेगी। मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने भरी विधायक उमाशंकर अकेला यादव, डिप्टी मेयर राजकुमार लाल, भाजपा नेता उदयभान नारायण सिंह, पद्मश्री बुलू इमाम, कांग्रेस नेता अशोक देव, भाजपा नेता बटेश्वर प्रसाद मेहता, भैया अभिमन्यु प्रसाद, सदर एसडीओ के बड़ा बाबू विजय कुमार, एनटीपीसी अधिकारी अतीश सिंह, चंद्रवंशी समाज के सुरेश चंद्रवंशी, अधिवक्ता संघ के महासचिव हीरालाल गुप्ता, भाजपा नेता भैया अभिमन्यु प्रसाद, सदर विधायक मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी, हीरा गोड़ा विया, रितेश खंडेलवाल सहित अन्य लोगों के सवालों का बड़े ही तार्किक और अध्यात्मिक तरीके से जवाब दिया। महाराज श्री के भक्तों ने अपने मन की उद्गार व्यक्त कर उनके जीवन की प्रशंसा करते हुए उन्हें नमन कविता और गीत के माध्यम से किया। कार्यक्रम के दौरान पूरा आरोग्यम हॉस्पिटल परिसर तीर्थ क्षेत्र में तब्दील हो गया। पूरे परिसर को विद्युतीय साज़ -श्रृंगार, फूलों से सजे कई तोरण द्वार और उनके दिव्य संदेश से संबंधित बैनर पोस्टर से पाट दिया गया था ।