पिता को पीछे बिठाकर ज्योति ने लगभग 1100 km साईकल से तय किया सफर

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इंटरनेट पर वायरल हो रही ज्योति की कहानी। लगभग 1100 km साईकल से तय किया पिता को पीछे बिठाकर। 13 साल की लड़की पिता को साइकिल पर घर ले जाती है - गुरुग्राम, हरियाणा से दरभंगा, बिहार तक तेरह वर्षीय ज्योति कुमारी ने लॉकडाउन के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए अपने पिता के साथ साइकिल से हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा तक साइकिल चलाई। गुरुग्राम और दरभंगा के बीच की दूरी 1,100 किमी से अधिक है। ज्योति के पिता मोहन पासवान गुरुग्राम में ई-रिक्शा चालक थे, लेकिन जनवरी में एक दुर्घटना में उनके बाएं पैर में चोट लगी थी। हादसे के बाद से ज्योति अपने पिता के साथ रह रही थी और उनकी देखभाल कर रही थी। तालाबंदी के दौरान कोई काम नहीं होने के कारण, पासवान और उनकी बेटी भोजन खरीदने के लिए संसाधनों और पैसों की क़िल्लत का शिकार हो रहे थे। वायरल हुए वीडियो में ज्योति ने कहा है कि उनके मकान किराए पर लेने वाले मकान मालिक भी किराया देने का दबाव बना रहे थे। हालांकि उनके साइकिल पर बिहार लौटने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन ज्योति ने उन्हें मना लिया और आखिरकार वे मान गए। ज्योति ने बताया कि, रास्ते में उन्हे कहीं कहीं मदद मिली जिससे वे आगे बढ़ते रहे। कुछ लोगों नउन्हें खाना दिया। ज्योति भावुक होकर बताती हैं कि दोने दो दिन भूखे भी रहे। इस घटना पे थोड़ा गौर कीजिये और खुद को ज्योति के जगह रख कर देखिए। क्या आप 1100 km साईकल चला सकते हैं किसी भी पीछे बिठाकर ? ज्योति को जज़्बे को सलाम और जिन लोगों ने रास्ते में ज्योति की मदद की है उनका भी नमन।